हमारी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ही कई बार हमारे लिए खौफ की वजह बन जाती है ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं जब पुलिस ने पर्याप्त कारण न होने पर भी अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए लोगों को गिरफ्तार किया है पुलिस के इस डरावने रूप से बचने के लिए गिरफ्तारी से संबन्धित अपने अधिकारो को जानें ।
सीआरपीएस की धारा 41बी के अनुसार गिरफ्तार करने वाला पुलिस अधिकारी पुलिस की वर्दी में होना चाहिए व उसकी नेमप्लेट इत्यादि स्पष्ट रूप से दिखनी चाहिए ताकि उसकी आसानी से पहचान हो सके । पुलिस अधिकारी को मौके पर ही अरैस्ट मेमो बनाना होगा जिसमें गिरफ्तार किए जा रहे व्यक्ति के हस्ताक्षर व कम से कम एक गवाह के हस्ताक्षर भी कराने ज़रूरी हैं जोकि गिरफ्तार किए जा रहे व्यक्ति के परिवार का सदस्य हो या उस क्षेत्र का हो जहां गिरफ्तारी की गई या कोई गणमान्य व्यक्ति हो । पुलिस अधिकारी गिरफ्तार व्यक्ति की इच्छा के अनुसार उसके रिश्तेदार या मित्र या जिसका वह नाम दे उसे गिरफ्तारी की सूचना देगा ।
सीआरपीसी की धारा 41डी के अनुसार जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है और पुलिस द्वारा पूछताछ की जाती है, तब गिरफ्तार व्यक्ति पूछताछ के दौरान अपनी पसंद के अधिवक्ता से मिलने का हकदार होगा किंतु संपूर्ण पूछताछ के दौरान नहीं ।
सीआरपीसी की धारा 50(1) के अनुसार व्यक्ति को गिरफ्तारी के समय गिरफ्तारी का कारण बताया जाएगा ।
सीआरपीसी की धारा 50(ए)(1) के अनुसार गिरफ्तारी की सूचना गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार या उसकी पसंद के व्यक्ति को दी जाएगी ।
सीआरपीसी की धारा 54(1) के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति की तुरंत मेडिकल जाँच कराई जाएगी ।
सीआरपीसी की धारा 55ए के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति के स्वास्थ्य व सुरक्षा का ख्याल पुलिस को रखना होगा ।
सीआरपीसी की धारा 57 के अनुसार बिना मैजिस्ट्रेट की अनुमति के पुलिस किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक अपने पास नहीं रख सकती ।
एडवोकेट आफताब फाजिल
कार्यक्षेत्र: दिल्ली
मोबाइल न० 9015181526
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