अक्सर मेरे पास ऐसे मामले आते हैं पीड़ित व्यक्ति बताता है कि पुलिस उसकी एफ०आई० आर० (पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज नहीं कर रही है ऐसे मामलो में कई बार पीड़ित व्यक्ति थाने के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो जाता है व कई बार हार मान कर एफ़० आई० आर० (FIR) न दर्ज कराने का फैसला कर लेता है ऐसा इसलिए होता है क्योकि लोगों को एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज कराने को लेकर अपने अधिकारों के बारे में पता ही नहीं है।
कानून के तहत पुलिस एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज करने से इनकार नहीं कर सकती। सीआरपीसी की धारा 154 में इसके बारे मे बताया गया है। अगर थाने की पुलिस आपकी शिकायत पर एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज न करे या टालमटोल करे तो सबसे पहले आप वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास लिखित में शिकायत दें इसके अंतर्गत आप सबसे पहले थानाध्यक्ष से वरिष्ठ अधिकारी डीसीपी इत्यादि को शिकायत दें यदि इसके बाद भी आपकी शिकायत पर एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज नहीं होती तो आप अपने राज्य के पुलिस कमिशनर को शिकायत करें लेकिन अगर फिर भी आपकी एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज नहीं होती तो आप वकील की सहायता से सी० आर० पी० सी (दण्ड प्रक्रिया संहिता) की धारा 156(3) के तहत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में अपनी अर्जी दे सकते हैं। मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वो पुलिस को एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज करने को कह सकता है इस तरह आप अदालत की सहायता से एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज करवा कर न्याय प्राप्त कर सकते हैं ।
अगर कोई पुलिसकर्मी एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज करने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। साथ ही उसे विभागीय कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पुलिस वालों की जिम्मेदारी बनती है कि वो संज्ञेय अपराधों में एफ़० आई० आर० (FIR) दर्ज करें ।
Author:
एडवोकेट आफताब फाजिल
कार्यक्षेत्र: दिल्ली
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